Afjlkhan Mlechc policy was a demonic symbol.






अफझलखान म्लेच्छ नीति का एक राक्षसी प्रतीक था.

जिसे हिंदुत्व की सत्य निति के प्रतिक छत्रपति शिवाजी महाराज ने ध्वस्त कर दिया.
.....आज ३०० साल बाद -
म्लेच्छ निति आज भी बिलकुल वैसी की वैसी है.हजारो राक्षसी अफझलखान खुले घूम रहे है.
मुझे लगता है की आपको ठीक से इतिहास पढने की जर्वत है.
छत्रपति शिवाजी महाराज का उद्देश अपने साम्राज्य को बढ़ाना नहीं बल्कि "हिन्दवी स्वराज" का निर्माण करना था. फर्क तो सिर्फ हिन्दू निति में पड़ा है.

जहा धर्म के नाम पर,धर्म पर आच आने पर धर्म रक्षा के लिए हजारो हिन्दू तलवारे म्यान से बहार निकलती थी, आज वही धर्म की बात आने पर हजारो हिन्दू सेकुलर इकठ्ठा हो जाते है.
छत्रपति शिवाजी महाराज तो दूर की बात है.....

हिन्दू जाती में सेकुलरो की,और पश्चिमी संस्कृति का अनुकरण करनेवाली पीढ़िया जन्म ले रही है............बस यही एक दुर्भाग्य है विश्व की सबसे प्राचीन हिन्दू सभ्यता का!
हिन्दुओं के सबसे बड़े दुश्मन वामपंथी और सिक्युलर हैं, जिनके बिखरे हुए वोटों के कारण यह नीच और स्वार्थी वोटों के भूखे नेता मुस्लिम वोटों के लालच में अपनी आत्मा को गिरवी रखने से भी बाज नहीं आते... समस्या का मूल कारण यह 'कायर और नपुंसक बनाने वाला झूठा और छद्म सिक्युलरिज्म' ही है.
कृण्वन्तो विश्वमार्यम ! 


Afjlkhan Mlechc policy was a demonic symbol.

Hindutva is the true policy of the Chhatrapati Shivaji Maharaj Pratik demolished.
Today, 300 years later ..... -
Mlechc policy is still completely intact. Thousands Afjlkhan open roaming ismonstrous.

Difference in policy has had only Hindus.
Where the name of religion, the religion, the religion of flame coming out of the sheath to protect the thousands of Hindu swords came out, today the religionwhen it comes to collecting thousands of Hindus are secular.
Chhatrapati Shivaji Maharaj is so far away .....

In the Hindu Sekulro, and going to emulate Western culture is born Pidia ............That's an unfortunate world's most ancient Hindu civilization!

Krinwnto Biswmaryam!

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