India is the minority who and what their purpose - a threat to the existence
भारत के अल्पसंख्यक कौन है और क्या है इनका उद्देश्य ----भारतीय अस्तित्व को खतरा -----!!!!
एक ऐसा समय था भारत सुखी-संपन्न था विश्व गुरु की उपाधि से नवाजा जाता था यहाँ युद्ध नहीं शास्त्रार्थ हुआ करता था पश्चिम के अक्रान्ताओ की नज़र भारत पर पड़ी और हमला पर हमला शुरू कर दिया मुहम्मदबिन कासिम से लेकर यानी ७२० ईशा से आज-तक हमले जारी है क्या हम इन्ही की संतानों को हम अल्पसंख्यक मान रहे है और इन्हें ही सर्बाधिक सुबिधा प्रदान कर रहे है --- ? ईशा ७१२ में मुहम्मद्बिन कासिम ने भारत के पश्चिमी सरहद पर हमला किया उस समय सिंध के राजा महाराजा दाहिर थे अफगानिस्तान में बौद्धों का शासन था उनका दोष यह था की वे अपने ग्रन्थ के अतिरिक्त कुछ नहीं जानते थे बौद्धों ने राजा दाहिर के खिलाफ जासूसी किया मुहम्मद्बिन कासिम और राजा दाहिर में युद्ध हुआ कुछ लोगो से धोखा के कारन राजा की पराजय हुई यह बात ठीक है कि राजा दाहिर की पुत्रियों ने खलीफा से इसका बदला मुहम्मद्बिन कासिम और खलीफा की हत्या करके ले लिया.
मुसलमान भारत की तरफ ललचाई आखो से देख ही नहीं रहा था बल्कि लगातार हमले पर हमला करता जा रहा था कुछ समय पश्चात् ही सोमनाथ मंदिर को लूटने की दृष्टि को लेकर ही नहीं हिन्दुओ को अपमानित करने, हिन्दुओ का धर्म झूठा है, मूर्तियों में कोई दम नहीं है, हिन्दू संगठित नहीं है---? अपने धर्म के प्रभुत्व को कायम करने इत्यादि कारणों को लेकर महमूद गजनवी ने रेगिस्थान को पार करता हुआ गुजरात पर अटैक किया युद्ध बहुत भीषण हुआ मंदिर तो लुटा -टुटा लेकिन महमूद गजनवी वापस अपने देश नहीं जा सका रास्ते में उसे गुरिल्ला युद्ध झेलना पड़ा और गुजरात, भारतीय सीमा के राजपूतो, राजाओ, और रखवालो ने उसे पराजित ही नहीं अपना बदला भी ले लिया और उसकी मृत्यु इसी धरती पर हुई .
इस्लाम धर्म का प्रवर्तक स्वयं ही एक आतंकबादी था मुहम्मद साहब आतंक का पर्याय बनकर खड़ा था उसने अपने जीवन काल में कोई अच्छा कार्य नहीं किया केवल हिंसा, हत्या और अनाचार के अतिरक्त कुछ नहीं किया, उसके जीवन का इतिहास बड़ा ही मानवता बिरोधी है उसने १३ बिबाह तो किया ही था सैकड़ो रखैल भी रखा था वह बड़ा ही कामुक था, अपनी पत्नी आयसा के साथ सम्भोग करते समय उसे आयत का इल्हाम होता था ऐसे हदीस में आयसा के मुख से बताया गया है, हम सकझ सकते है कि उसके अनुयायी किस प्रकार होगे, इस नाते सभी मुस्लिम बादशाहों के पास सैकड़ो रखैले होती थी.
बहुत दिन बीता नहीं था कि मुहम्मद गोरी का हमला महाराजा पृथ्बीराज चौहान के ऊपर हुआ १६ बार मुहम्मद गोरी को हराया उसे गलती मानने व क्षमा मागने पर छोड़ दिया करते यही राजा की सबसे बड़ी भूल थी [सद्गुण बिकृति ] एक समय आया कि कन्नौज के राजा ने अपनी ब्यक्ति गत शत्रुता को आगे कर देश को पीछे छोड़ मुहम्मद गोरी से मिलकर दिल्ली पर हमला करवाया उस युद्ध में पृथ्बीराज चौहान की पराजय हुई, गोरी ने उन्हें छोड़ा नहीं अपनी राजधानी ले जाकर उनकी आख निकलवा लिया तमाम हिन्दुओ को मुसलमान बनाया गया, दिल्ली पर अभूतपूर्व अत्याचार किया गया, उनके मित्र कबि और प्रधानमंत्री चंद्रबर दाई की योजना से मुहम्मद गोरी की हत्या हुई पृथ्बीराज चौहान शब्द बेधी बाण चलाना जानते थे, [चार बास चौबीस गज अंगुल अष्ट प्रमाण , ता ऊपर सुल्तान है मत चूको चौहान ] एक हाथ में तलवार दुसरे हाथ में कुरान लेकर भारत पर हिन्दुओ पर हमला, लाखो लोगो का बलात धर्मान्तरण .
श्रृखला बद्ध भारत मुस्लिम अक्रान्ताओ के हमले की धरती बनी रही मंगोल का रहने वाला बाबर का भारत पर हमला जिसका मुकाबला महाराणा सांगा से हुआ [७५ घाव लगे थे तन पे फिर भी ब्यथा नहीं थी मन में ] अद्भुत मुकाबला हुआ, लेकिन हिन्दू मुसलमानों को समझ नहीं पाए उनकी कुरान के बारे में तो जानते नहीं थे, कुछ सूफी संत प्रेम मुहब्बत की बात कर इस्लाम के बारे में प्रशंसा व प्रचार करते जब कि इस्लाम में तो प्रेम मुहब्बत नाम की कोई चीज नहीं धीरे-धीरे बाबर दिल्ली की गद्दी पर बैठा, बाबर से औरंगजेब तक ने लाखो करोड़ो हिन्दुओ को बलात इस्लाम धर्म में परिवर्तन करवाया इतना ही नहीं श्रीराम जन्म भूमि, श्रीकृष्ण जन्म भूमि, काशी विश्वनाथ मंदिर और गुजरात के सोमनाथ मंदिर व अन्य श्रद्धा स्थानों को ढहाया इन सबका उद्देश्य केवल धन लूटना या साम्राज्य बढ़ाना ही नहीं हिन्दुओ को अपमानित करना भी था जगह -जगह धर्म युद्ध हुए हिन्दुओ ने लगातार संघर्ष किया कभी पराजय स्वीकार नहीं की. [चौहत्तर मन यज्ञो पवीत तौले है किसने याद मुझे, दस कोटि यवन भारत भू पर किस भाति हुए है याद मुझे] .
इस प्रकार हिन्दू समाज पर मुसलमानों का हमला जारी रहा बख्तियार खिलजी ने कुछ सैनिको के साथ नालंदा विश्वविद्यालय के केवल पुस्तकालय को ही नहीं जलाया बल्कि उसे नष्ट -भ्रष्ट कर हिन्दुओ को अपमानित जीवन -जीने को मजबूर कर दिया पूरे भारत को तहस -नहस कर डाला महिलाओ के साथ बलात्कार बच्चो को ऊपर फेक कर भाले पर रोक कर हत्या करना आम बात हो गयी थी हिन्दू जाति -पराजित जाति उसकी कितनी दुर्दसा हुई होगी इसकी कल्पना हम कर सकते है जजिया कर तो आम बात हो गया था, एक ऐसी धारणा बनी हुई है कि अकबर सबसे उदार बादसाह था हम सभी को पता है की वह मीना बाज़ार लगवाता था उसके नौ रत्न राजा टोडरमल से लेकर बीरबल तानसेन सभी को इस्लाम स्वीकार करना पड़ा था जहागीर तो जोधाबाई का ही पुत्र था जिसने गुरु अर्जुनदेव का बध करवाया था.
हम बिचार करना चाहते है कि ये अल्पसंख्यक कौन है इन आक्रमण कारियों, अक्रान्ताओ, हमलावरों जिनमे मुहम्मदबिन कासिम, महमूद गजनवी, मुहम्मद गोरी, बाबर, हुमायु, अकबर, जहागीर, शाहजहा, औरंगजेब, तुगलग, कालापहाड़, नादिरशाह, बख्तियार खिलजी जैसे --- बर्बर ,हिंसक, पैशाचिक कृत्य करने वाले जिन्होंने हमारी धरती माता के साथ बलात्कार किया हमारे समाज को अपमानित, जिन्होंने हमारे महापुरुषों और हमारे आराध्य देवो के मंदिरों को हिन्दू संस्कृति को भ्रष्ट - नष्ट किया क्या वे यही है ? इन्ही की संतानों को हम अल्पसंख्यक मान रहे है हमारे प्रधानमंत्री कहते है कि भारत के संसाधनों पर पहला अधिकार इन्ही की संतानों का है,------ इस पर हमें सोचना ही होगा -- नहीं तो क्या हम एक बार फिर भारत का बिभाजन चाहते है? हम १९४७ में यह झेल चुके है भारत की एक तिहाई जमीन इन बिधर्मियो को दे चुके है, अफगानिस्तान जा चुका है इन बर्बरो की संतानों को जो दिन-दूना रात चौगना बढ़ रहे है वे पूरे भारत को निगलने के प्रयास में है क्या इन्हें ही अल्पसंख्यक माना जायेगा, मखतब, मदरसो को आतंकबाद की नर्शरी जहा-- हिन्दू संस्कृति व भारत बिरोध में ही शिक्षा दी जाती है लव जेहाद के माध्यम से जिसे उनके मुल्ला -मौलबी बढ़ावा देने का कार्य करते है, वे मुहम्मद के पैशाचिक जीवन को आदर्श मानकर लाखो हिन्दुओ की लडकियों को भगा कर ले जाना, आए दिन हिन्दुओ के त्योहारों व मंदिरों पर हमले करना, छठ और दुर्गापूजा मनाने में बाधा डालना, जिस गाव में हिन्दू कम है वहा तो शादी -बिबाह में बैंड बाजा भी नहीं बजने देते उनकी बहन बेटियों की सुरक्षा हमेशा खतरे में ही रहती है वे आज भी अपने को शासक की भूमिका में रखते है हिन्दुओ के साथ गुलाम जैसा ही ब्योहर करना इसी मानसिकता का द्योतक है.
आखिर इनका जबाब क्या है किसी ने लिखा था कि धर्म युद्ध ही इसका जबाब है राणासांगा, महाराणा प्रताप, शिवाजी महराज, गुरु गोविन्द सिंह और बन्दा वीरबैरागी इन महापुरुषों ने धर्म युद्ध के माध्यम से ही इन कट्टर पंथियों को परास्त किया था और भारतीय संस्कृति हिन्दू समाज की रक्षा की थी हम अपने महापुरुषों के कथनों को भूल गए है गुरु नानक देव कहते थे 'बालू परे निकले तेल ,बैर के पेड़ में फल जाये बेल, कुकुर पानी पिये सुड़क्का तबु न विस्वास करऊ तुरुक्का.' गुरु गोविन्द सिंह कहते थे ;जन विस्वास करौ तुरुक्का', तुलसीदास ने तो हमेसा इन्हें मलेक्ष ही कहा, संत कुम्हनदास ने तो अकबर के भरे दरवार में उसे पापी कहा 'जाको मुख देखत अघि लागत', ये कौम विस्वास योग्य नहीं है भारत और भारतीयता के शत्रु की भूमिका में है, भारत सरकार इन्ही को अल्पसंख्यक दर्जा देकर हिन्दुओ को गुलाम बनाने की साजिस कर रही है मानवता के साथ घनघोर अपराध भारत सरकार तथा सेकुलर नेता कर रहे है ये सभी अल्पसंख्यक और सेकुलर के नाम पर देशद्रोह पर अमादा है
अल्पसंख्यकबाद अब केवल वोट का सौदा बन कर रह गया है वह उसी के सहारे अपनी सभी नाजायज मागे मनवाता रहता है इन पर अंकुश रखने के लिए लगभग सभी देश इस बात पर सहमत है कि उन्हें राजनैतिक अधिकार नहीं दिए जाने चाहिए, क्यों कि राजनितिक अधिकार मिलते ही वे देश में शासन करने का सपना देखने लगते है अपने इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए वे अनेक मार्ग अपना लेते है दुनिया के मानचित्र पर नज़र दौड़ाते है तो पता चलता है कि इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए लोगो ने तीन प्रकार के उपाय किये है, पहले वे देश है जो धर्म को जादे महत्व देते है उनके लिए शरियत सर्बोपरी है, इसलिए गैर मुस्लिमो को कोई अधिकार नहीं देती. अरब भूखंड में १८ देश है, जहा लाखो ईशाई और हिन्दू रहते है लेकिन इन लोगो को न तो नागरिकता दी जाती है और न ही किसी प्रकार के राजनितिक अधिकार, उन्हें अपने धर्म के मामले में कोई छुट नहीं है वे वहा रहने वाले हिन्दुओ को न तो राखी का त्यौहार मनाने देते है न दीपावली न ही गणेश चतुर्दशी, उनके शब्द कोष में 'सर्बधर्म समभाव ', सहिष्णुता', और मानवता जैसे शब्द नहीं मिलते है, अमेरिका में केवल एक ही कानून है वह सभी अमेरिकन के लिए वहा भी अल्पसंख्यक को राजनैतिक अधिकार नहीं है, सम्यबादी देशो में भी जैसे चीन, सोबियत रूश ने भी इस सिद्धांत को मंजूर नहीं किया मुस्लिम बहुल वाले स्थानों पर बाहर से स्थानीय जातियों को लाकर बसाया और संतुलन कायम करने का प्रयास किया पश्चिम बंगाल की सम्यबादी ब्यवस्था में भी समाधान नहीं निकला मदर्शो की बढती हुई संख्या को देख कर बामपंथी परेशान है उनके पास भी कोई समाधान नहीं है, आज धार्मिक उन्माद की आधी और आतंकबाद के झंझाबात ने इस महान विरासत पर हमेशा के लिए प्रश्नवाचक चिन्ह लगा दिया .
अल्पसंख्यकबाद मानव सभ्यता के लिए धोखा है, इसलिए हर जागरूक हिन्दू और देश भक्त का इसके प्रति सतर्क और सावधान रहना स्वाभाविक ही नहीं आवस्यक भी है अपने देश को धर्मशाला बनाने से रोके, तीन करोड़ बंगलादेशी और पाकिस्तानी भारत में अवैध रूप से घुसपैठ किये है पूरा का पूरा एक देश ही भारत में घुस कर हमारी अस्मिता को चुनौती दे रहा है, आज भी हमारी सबसे बड़ी भूल है जो हम इस्लाम के बारे में अपने समाज को शिक्षित नहीं कर पा रहे है, इस खतरे से हमें सावधान होना होगा नहीं तो ये इस देश को ही नहीं भारतीय संस्कृति को निगल जायेगे.
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