70 lakh crore is being robbed from petrol

सरकार कितना झूट बोलती है भारत के भोले भाले लोगों को बेवकुफ बनाने के लिए ...

1. सरकार कहती है की पैसे की कीमत घट रही हे .. इसलिए हमने पेट्रोल के रेट बढ़ाये हैं....
2. सरकार कहती हे की अन्तर्राष्ट्रीय मूल्य में तेज़ी आई...

तथ्य कुछ इस प्रकार हैं...

15 मई 2011 (उस समय $1 डॉलर = 46 रूपये का था) -- अन्तर्राष्ट्रीय मूल्य तेल का... $114 डॉलर प्रति बैरल यानी... 114 X 46 = 5244 रूपये.

और आज मई 2012 में ($1 डॉलर = 56 रूपये का हैऔर सुनने में आया है की ये 60 रूपये के पार जायेगा ) -- अन्तर्राष्ट्रीय मूल्य तेल का... $91.47 प्रति बैरल यानी... 91.47 X 56 = 5122 रूपये.

यानी आज हमको पिछले साल से 122 रूपये सस्ता तेल मिल रहा है.... तो यह दाम बढे नहीं बढ़ाये जा रहे है.....
यह दाम बढे नहीं बढ़ाये जा रहे है.....
यह दाम बढे नहीं बढ़ाये जा रहे है.....

पेट्रोलियम कम्पनियाँ पेट्रोल के अलावा भी benzene, toulevne, जैसे उत्पादों से हजारो करोड़ों का मुनाफा कमाती है... पेट्रोल खरीदने और उपभोक्ता तक पहुँचाने तक 5 महीने तक का समय लगता है...
अमेरिका जैसे अमीर और पाकिस्तान जैसे गरीब देशो में भी पेट्रोल 53 रूपये में मिल रहा है...

पेट्रोल की कुल कीमत में लगभग 5०% टैक्स होता है...
ईरान की रेफिनरी सफ़ेद Waste को बॉम्बे में उतार के... पेट्रोल में मिला के.... 3-4 रुपये/लीटर के मार्जिन बना के पेट्रोल में मिलाया जाता है...

70 लाख करोड़ से ज्यादा लूटा जा रहा है पेट्रोल से... आज से 7-8 साल पहले राशिद अल्वी जब BSP में थे.. तो इन्होने इन्कम टैक्स कमिश्नर को 1 तेल कम्पनी की 2000 छोटी बोगस कम्पनियों की लिस्ट दी जो (एक्सेस) ड्यूटी...इम्पोर्ट ड्यूटी नहीं देते...मतलब सिर्फ जनता से लिया जाता है....

आज क्यों नहीं राशिद अल्वी वो लिस्ट देते.. क्यों नहीं अब सलमान खुर्शीद वो लिस्ट देते...
आज तो यह कम्पनियाँ ... बढ़ के.... 10000 तक हो गयी.. है.. ऐसा अनुमान है....

30% ही गरीबो को दिया जाता है.... बाकी 70% नेपाल, बंग्लादेश आदि में दिया जाता है....

जागो भारतियों जागो कांग्रेस हटाओ पेट्रोल की लूट से देश को बचाओ


साभार :- श्री 'सुमित चॉवला'

ShreshthBharat India Against Congress ShankhNaad


वैसे ये सोचने समझने का विषय है और कुछ करने का समय है जो डॉलर साल 1947 से 1952 तक 1 रूपये = $1 डॉलर के बराबर होता था , और वो ही डॉलर आज साल 2012 में उसी कीमत का है 1947 -52 वाला पर आज भारत का रुपया 1$ डॉलर के मुकाबले 56 रूपये पहुँच गया है ??? और अगर यही भ्रष्ट व्यवस्था इसी प्रकार चलती रही तो जल्द ही ये रुपया , डॉलर के मुकाबले 60 रूपये भी होने वाला है उनका वहीँ का वहीँ टिका हुआ क्या कारण है की उनकी मुद्रा की कीमत कम नहीं होती उनकी मुद्रा का अवमूल्यन (Devaluation )नहीं होता है ??? अगर कुछ समझ ना आये तो आप इस वेबसाइट पर जा कर पूरी तरह पढ़ें देखें एक एक अक्षर को एक एक प्रेस रिलीस को एक एक लिंक को आप को सब समझ आ जायेगा :- www.bharatswabhimantrust.org

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