Stop Reservation
एक बात मेने देखी है, SC/ST के क्रीमी लेयर के लोग जो पिछले ६२ सालों से दलितों के नाम पर आरक्षण की मलाई मार \ रहे है, ओबीसी के लोगों को गुमराह करते हैं की वो भी दलित हैं और उनके साथी हैं, अरे अगर वे भी दलित हैं, तो आप उन्हें अपने कोटे की सीट क्यों नहीं देते!
क्योंकि ओबीसी को तो प्रोमोशन में भी आरक्षण नहीं मिलता ! संसद की 131 व विधानसभा की 1125 आरक्षित सीटों में भी एक भी ओबीसी को नहीं मिलती! अगर आरक्षण समाप्त होता है तो उससे ओबीसी का भी फायदा होगा, क्योंकि जनसँख्या के हिसाब से करीव 65% ओबीसी को कुल 27% आरक्षण है जबकि 15% SC/ST को 22.5 % आरक्षण प्राप्त है, इसीलिए एससी/ एसटी की मेरिट फेल मार्क्स तक गिर जाती है !
और ये 15% SC/ST ओबीसी की सिट भी खाते हैं! यानि 27% में 80% लोग हिस्सा लेते हैं, ये ओबीसी रिजर्वेशन सिर्फ बहकाने का जरिया है, अब ओबीसी में मुस्लिम को शामिल किया जा रहा है और जाटों को भी शायद इसी साल इसमें शामिल कर दिया जायेगा! उसके बाद ओब्सी में भी कॉम्पटीशन बढ़ जायेगा, अच्छा है हमें राजनीति के पासे को समझते हुए इसे समाप्त करने के लिए ओबीसी को भी आगे आना चाहिए, बल्कि आ रहे हैं हमारे ग्रुप में बहुत सारे ओबीसी के लोग भी शामिल हैं !
दूसरी बात ये है कि फेसबुक पर अमीर कथित दलित(SC/ST) हैं जो उन गरीब दलितों का हक मारते हैं और चाहते हैं की आरक्षण लागू रहे!
गाँव में कूड़ा उठाने वाला दलित इन कंप्यूटर चलाने वाले अमीर दलितों से कैसे मुकाबला कर पायेगा ? वो तो वही का वही रहेगा लेकिन इनकी पीड़ी दर पीड़ी आरक्षण का लाभ लेते रहेंगे ? ये उनके नाम पर मलाई मारते रहेंगे ! —
क्योंकि ओबीसी को तो प्रोमोशन में भी आरक्षण नहीं मिलता ! संसद की 131 व विधानसभा की 1125 आरक्षित सीटों में भी एक भी ओबीसी को नहीं मिलती! अगर आरक्षण समाप्त होता है तो उससे ओबीसी का भी फायदा होगा, क्योंकि जनसँख्या के हिसाब से करीव 65% ओबीसी को कुल 27% आरक्षण है जबकि 15% SC/ST को 22.5 % आरक्षण प्राप्त है, इसीलिए एससी/ एसटी की मेरिट फेल मार्क्स तक गिर जाती है !
और ये 15% SC/ST ओबीसी की सिट भी खाते हैं! यानि 27% में 80% लोग हिस्सा लेते हैं, ये ओबीसी रिजर्वेशन सिर्फ बहकाने का जरिया है, अब ओबीसी में मुस्लिम को शामिल किया जा रहा है और जाटों को भी शायद इसी साल इसमें शामिल कर दिया जायेगा! उसके बाद ओब्सी में भी कॉम्पटीशन बढ़ जायेगा, अच्छा है हमें राजनीति के पासे को समझते हुए इसे समाप्त करने के लिए ओबीसी को भी आगे आना चाहिए, बल्कि आ रहे हैं हमारे ग्रुप में बहुत सारे ओबीसी के लोग भी शामिल हैं !
दूसरी बात ये है कि फेसबुक पर अमीर कथित दलित(SC/ST) हैं जो उन गरीब दलितों का हक मारते हैं और चाहते हैं की आरक्षण लागू रहे!
गाँव में कूड़ा उठाने वाला दलित इन कंप्यूटर चलाने वाले अमीर दलितों से कैसे मुकाबला कर पायेगा ? वो तो वही का वही रहेगा लेकिन इनकी पीड़ी दर पीड़ी आरक्षण का लाभ लेते रहेंगे ? ये उनके नाम पर मलाई मारते रहेंगे ! —
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