avoid bed advertising
Youth Change Nation (Jai Ho)
लगता है भारत में सभी उत्पादों के
विज्ञापनों का एक ही उद्देश्य है 'लड़की पटवाना':
* क्रीम लगाओ लड़की पटाओ
* पाउडर लगाओ लड़की पटाओ
* डीयोडरंट लगाओ लड़की पटाओ
* फैयर एंड हैंडसम लगाओ लड़की पटाओ
* कोक पेप्सी पियो लड़की पटाओ
* दिमाग की बत्ती जलाओ लड़की पटाओ
* मंजन करो और ताज़ा साँसों से लड़की पटाओ
* एंटी डेनड्रफ शैम्पू लगाओ लड़की पटाओ
* कोई भी चिप्स खाओ लड़की पटाओ
* फोन में फ्री स्कीम का रीचार्ज कराओ और
लड़की पटाओ
* हद तो तब हो गयी जब पुरुषों के अंतर्वस्त्रों से
भी लड़की पट रही है
इनके विज्ञापनों में खास बात ये है की आपको कुछ
करना नही है सिर्फ इन चीजों को इस्तेमाल
करो लड़की खुद आपके पास चल कर आएगी।
आखिर क्या हो गया है हमारे मीडिया और समाज
में ?
क्या ज़िंदगी का एक ही मकसद है लड़की पटाओ ?
जय हिन्द !!
How to avoid advertising
dan.hersam.com/2007/02/20/how-to-avoid-advertising/
20 Feb 2007 – The typical sources of advertising come in the form of TV commercials, radio commercials, billboards and online ads.
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