Lal Bahadur Shastri Scond Prime Minister of the Republic of India

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एक बार एक बालक था उसे पढ़ने के लिए नदी पार करके जाना पड़ता था पर एक दिन उस से नाव नहीं मिली क्योंकि नदी में बाढ़ आई हुई थी पर वह बालक घबराया नहीं और ना ही घर वापिस गया उसने अपनी कमीज उतारी और उसमें किताबें लपेट कर सिर पर बाँध ली और तैर कर नदी पार की जब अध्यापक ने उन्हें कपड़े भीगने का कारण पूछा तो उन्होंने सारी बात कह सुन
ाई तो अध्यापक ने प्रसन्न हो कर आशीर्वाद दिया और कहा कि तुम बड़े हो कर महान बनोगे और वही बालक हमारे दूसरे प्रधानमंत्री बने अर्थात श्री लाल बहादुर शास्त्री जी उन्होंने कभी डर कर दबाव में जीना नहीं सीखा था जब 1965 के युद्ध में अमेरिका भारत पर समझौते के लिए दबाव बनाना चाहा तो वो नहीं माने इस पर अमेरिका ने भारत को अनाज देने से मना कर दिया था तो शास्त्री जी ने घोषणा कर दी थी कि सारा भारत हर सोमवार को व्रत रखेगा इससे देश में 52 दिन का अनाज बढ़ जाएगा। प्रचलित है कि इसके बाद जब ये ताशकंद का समझौता करने गए तो वहाँ दबाव में समझौता करने से इनकी हृद्याघात से मृत्यु हो गई थी । पर वह आज भी रहस्य ही बना हुआ है कि इनकी मृत्यु हुई या हत्या की गई जब इनका पार्थिव शरीर भारत लाया गया तो वह नीला पड़ गया था और इनका पोस्टमार्टम भी किया गया था पर रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं कि गई पर एक राजनीतिज्ञ जो इनके साथ ताशकंद में थे उन्होंने खुलासा किया था की उनके खाने में जहर दिया गया था

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