Message Hindu दरगाहों मे सर पटकने जानेवालेसनातन धर्मी (हिन्दू)लोगोँ को संदेश
दरगाहों मे सर पटकने जानेवालेसनातन धर्मी (हिन्दू)लोगोँ को संदेश :--ख्वाजा गरीब नवाज़, अमीर खुसरो,निजामुद्दीन औलिया की दरगाह परजाकर मन्नत मांगने वाले सनातनधर्मियों से , पूरे देश मेंस्थान स्थान परबनी कब्रों,मजारों या दरगाहों परहर वीरवार को जाकर शीश झुकाने वमन्नत करने वालों से मेरे
कुछप्रश्न हैं :-1.क्या एक कब्र जिसमे मुर्देकी लाशमिट्टी में बदलचूँकि हैंवो किसी की मनोकामना पूरी करसकती हैं?
2. ज्यादातर कब्र या मजार उनमुसलमानों की हैं जो हमारेपूर्वजो से लड़ते हुए मारे गएथे,उनकी कब्रों पर जाकर मन्नतमांगना क्या उन वीरपूर्वजो का अपमान नहीं हैंजिन्होंने अपने प्राण धर्मरक्षा करते की बलि वेदी परसमर्पित कर दियें थे?
3. क्या हिन्दुओ के राम, कृष्णअथवा ३३ प्रकारदेवी देवता शक्तिहीन हो चुकें हैं जो मुसलमानों की कब्रों परसर पटकने के लिए जाना आवश्यकहैं?
4. जब गीता में श्री कृष्णजी महाराज ने कहाँ हैं की कर्मकरने से ही सफलता प्राप्तहोती हैं तो मजारों में दुआमांगने से क्या हासिल होगा?"
यान्ति देवव्रता देवान्पितृन्यान्ति पितृव्रताःभूतानि यान्ति भूतेज्या यान्ति मद्याजिनोऽपिमाम्"श्री मद भगवत गीता में भी भगवानश्रीकृष्ण कहते हैं कि
भूतप्रेत, मुर्दा, पितृ(खुला या दफ़नाया हुआ अर्थात्कब्र,मजार अथवा समाधि)को सकामभाव से पूजने वाले स्वयंमरने के बाद भूत-प्रेत व पितृकी योनी में ही विचरण करते हैं वउसे ही प्राप्त करते हैं l
5. भला किसी मुस्लिम देश में वीरशिवाजी, महाराणा प्रताप,हरी सिंहनलवा आदि वीरो की स्मृति मेंकोई स्मारक आदि बनाकर उन्हें पूजा जाता हैं तो भला हमारेही देश पर आक्रमणकरनेवालो की कब्र पर हमक्यों शीश झुकाते हैं?
6. क्या संसार में इससेबड़ी मुर्खता का प्रमाणआपको मिल सकता हैं?
7. हिन्दू कौनसी ऐसी अध्यात्मिकप्रगति मुसलमानों की कब्रों की पूजा करप्राप्त कर रहीं हैं जो वेदों-उपनिषदों में कहीं नहीं गयीं हैं?
8. कब्र,मजार पूजा को हिन्दूमुस्लिम एकता की मिसाल और से कुलरता की निशानी बताना हिन्दुओ को अँधेरे में रखना नहीं तो क्या हैं ?
आशा हैं इस लेख को पढ़ करआपकी बुद्धि में कुछ प्रकाश हुआ होगा l अगर आप आर्यराजा श्री राम और श्री कृष्णजी महाराज की संतान हैं तो तत्काल इस मुर्खता पूर्ण अंधविश्वासको छोड़ दे और अन्य हिन्दुओ को भी इस बारे में बता कर उनका अंधविश्वास दूरकरे|
अपने धर्म को जानिए l इस अज्ञानता के चक्र में से बाहर निकलिए l
नोट : पृथ्वी राज चौहान की समाधि पर कंधार अफगानिस्तानमें जुतिया झाडी जाती थी !
मुस्लिम बहुल इलाकाको मैं कही मंदिर हो वहा पूजा नहीं होने देते ,प्रमाण मंदिरों को देखे
कुछप्रश्न हैं :-1.क्या एक कब्र जिसमे मुर्देकी लाशमिट्टी में बदलचूँकि हैंवो किसी की मनोकामना पूरी करसकती हैं?
2. ज्यादातर कब्र या मजार उनमुसलमानों की हैं जो हमारेपूर्वजो से लड़ते हुए मारे गएथे,उनकी कब्रों पर जाकर मन्नतमांगना क्या उन वीरपूर्वजो का अपमान नहीं हैंजिन्होंने अपने प्राण धर्मरक्षा करते की बलि वेदी परसमर्पित कर दियें थे?
3. क्या हिन्दुओ के राम, कृष्णअथवा ३३ प्रकारदेवी देवता शक्तिहीन हो चुकें हैं जो मुसलमानों की कब्रों परसर पटकने के लिए जाना आवश्यकहैं?
4. जब गीता में श्री कृष्णजी महाराज ने कहाँ हैं की कर्मकरने से ही सफलता प्राप्तहोती हैं तो मजारों में दुआमांगने से क्या हासिल होगा?"
यान्ति देवव्रता देवान्पितृन्यान्ति पितृव्रताःभूतानि यान्ति भूतेज्या यान्ति मद्याजिनोऽपिमाम्"श्री मद भगवत गीता में भी भगवानश्रीकृष्ण कहते हैं कि
भूतप्रेत, मुर्दा, पितृ(खुला या दफ़नाया हुआ अर्थात्कब्र,मजार अथवा समाधि)को सकामभाव से पूजने वाले स्वयंमरने के बाद भूत-प्रेत व पितृकी योनी में ही विचरण करते हैं वउसे ही प्राप्त करते हैं l
5. भला किसी मुस्लिम देश में वीरशिवाजी, महाराणा प्रताप,हरी सिंहनलवा आदि वीरो की स्मृति मेंकोई स्मारक आदि बनाकर उन्हें पूजा जाता हैं तो भला हमारेही देश पर आक्रमणकरनेवालो की कब्र पर हमक्यों शीश झुकाते हैं?
6. क्या संसार में इससेबड़ी मुर्खता का प्रमाणआपको मिल सकता हैं?
7. हिन्दू कौनसी ऐसी अध्यात्मिकप्रगति मुसलमानों की कब्रों की पूजा करप्राप्त कर रहीं हैं जो वेदों-उपनिषदों में कहीं नहीं गयीं हैं?
8. कब्र,मजार पूजा को हिन्दूमुस्लिम एकता की मिसाल और से कुलरता की निशानी बताना हिन्दुओ को अँधेरे में रखना नहीं तो क्या हैं ?
आशा हैं इस लेख को पढ़ करआपकी बुद्धि में कुछ प्रकाश हुआ होगा l अगर आप आर्यराजा श्री राम और श्री कृष्णजी महाराज की संतान हैं तो तत्काल इस मुर्खता पूर्ण अंधविश्वासको छोड़ दे और अन्य हिन्दुओ को भी इस बारे में बता कर उनका अंधविश्वास दूरकरे|
अपने धर्म को जानिए l इस अज्ञानता के चक्र में से बाहर निकलिए l
नोट : पृथ्वी राज चौहान की समाधि पर कंधार अफगानिस्तानमें जुतिया झाडी जाती थी !
मुस्लिम बहुल इलाकाको मैं कही मंदिर हो वहा पूजा नहीं होने देते ,प्रमाण मंदिरों को देखे
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